नजर – दृष्टि, निगाह, कृपादृष्टि, दयादृष्टि, निगरानी, देखरेख, भेंट, उपहार, पहचान। मोर – शिखी, शिव -सुत -वाहन, कलाजी, सारंग, नीलकंठ, केकी, मयूर। मेरा विचार तो ये है कि जब भी अवसर मिले इनका प्रयोग अपने लेखन-कौशल को बढ़ाने के लिए करते रहना चाहिए. राम – रघुपति, राघव, रघुनंदन, रघुवर, सीतापति। https://sergiogmixa.mybjjblog.com/the-5-second-trick-for-havan-ka-paryayvachi-shabd-43043297
Samudra ka paryayvachi No Further a Mystery
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